Dhoka - 1 in Hindi Drama by Kishan Dodiya books and stories PDF | धोखा - भाग 1

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धोखा - भाग 1


यू तो मुलाक़ात सबसे होती है लेकिन दिल को कोई एक ही छू पाता है.

हेलो दोस्तों आज मे आपको एक ऐसी कहानी बता रहा हु जो मेरा खुद का अनुभव है वो आपको बता रहा हु

बात उस टाइम की है जब मे एक शादी मे गया था उस टाइम मेरा सब अलग था लड़िक्यो से दूर ही रहता था अपने काम से काम रखता था एक दिन एक सादी मे गए थे हम सब लोग मेरी बुआ के घर जाने का तय किया क्युकी उसी शहर मे सादी थी तो हम सब लोग वही गए क्युकी सादी वाला घर था तो सब अपने अपने काम मे बिजी थे तभी मेरी बुहा ने मुझसे कहा के तुम तेरे फूफा के भाई के घर पे चले जाओ वहां जाकर आराम करो तो मे ने कहा ठीक है यहाँ वैसे भी बहुत पब्लिक है तो सोचा के वही चला जाऊ लेकिन जब मे वहां गया तो मुझे किसी ने बताया ऊपर जाकर आराम करो तो मे डाइरेक्ट ऊपर चला गया और सो रहा था के तभी अचानक किसी के पायल की आवाज मुझे आये मे अभी सोया नही था तभी मेरी नजर उस पर पड़ी और मे ने उसे देखा तो देखता ही रह गया क्या उसकी आँखे कमाल थी उसके बाल लाजवाब थे उसकी स्टायाल एक दम यूनिक थी मे तो देखता ही रह गया मेने आज तक किसी लड़की को इस तरह नहीं देखा और किसी के बारे मे ऐसा फील नहीं किया लेकिन इसे देखने के बाद मुझे नजाने क्या हो गया वो मुझे देख रही थी मे उसे देख रहा था तभी वो बोली क्या देख रहे हो कभी लड़की नहीं देखि क्या मे पूरा हिल गया क्युकी मे ने कभी किसी लड़की से बात नहीं की थी और फिर मे वहां से उठकर निचे चला आया मे ने उसे देखता ही रह गया कुछ बोल ही नहीं पाया तभी अंदर से बुआ ने आवाज लगायी के चाय पी लो मे ने डाइरेक्ट मना कर दिया मुझे चाय नहीं पीनी ऐसा बोल के मे घर के बाहर निकल कर अपनी बुआ के घर चला गया लेकिन मे अभी उसके बारे मे सोच ने लगा सबकुछ उसके बारे मे ही दिमाग़ मे चल रहा था के तभी मे ने सोचा के मे क्यों इन चकर मे पड़ रहा हूँ जो भी वो हो मुझे क्या ऐसा सोचते सोचते मे वहां से चल के अपनी बुआ के घर पे आ गया और शाम के लिए तैयार होने लगा, फिर शाम होते ही सब लोग संगीत के फंक्शन के लिए तैयार हों गए और बाहर खड़े खड़े गाड़ी का इंतज़ार कर रहे थे मे और मेरी बहेन हम दोनों साथ खड़े होकर बात कर रहे थे के तभी अचानक पिछसे वो लड़की आकर मेरी बहेन से बात करने लगी मे वहां से हट गया और दूसरी साइड चला गया थोड़ी देर बात करने के बाद मेरी बहेन मेरे पास आकर बोली के तूने किसको कुछ कहा हे क्या, मे सोच मे पड़ गया के क्या बोल रही है तभी उसने दुबारा पूछा सच बताना कया किया तुमने, मे ने फिर से वही कहा कुछ नहीं किया, तुम बताओ तो पता चले बात कया हे और अंदर से मे थोड़ा डर भी रहा रहा के उस लड़की को मे देख रहा था सायद वो बात मेरी बहेन को ना बतादे तभी मेरी बहेन आकर बोली के उस लड़की ने तुम्हारे बारे मे कहा हे के तुम्हारे भाई मे इतना ऐटिटूड के वो चाय तक ना पिए तभी मे सोचा के चाय कहा से आ गया इसमें फिर मुझे याद आया कल चाय पीने का पूछा था मे ने मना करदिया तभी मे नने अपनी बहेन से कहा के हा मना किया था क्युकी मेरा मन होता हे वही चाय पीता हूँ इतना कहकर मे वहां से चला गया लेकिन वो लड़की अभी मेरी बहेन से बात कर रही थी तो मेने सोचा छोड़ो जो भी हों मुझे क्या इस बार मने बिलकुल भी ध्यान नहीं दिया के वो लड़की मुझे देख रही थी मे ने जान बुजकर उसेके सामने नहीं देखा इतना होने के बाद सभी लोग बाहर आ गये और गाड़ी भी आ गयी सभी लोग अलग अलग गाड़ी मे बैठ रहे थे और मे और मेरी बहेन एक गाड़ी मे बैठ ने जाने वाले थे तब अचानक पीछे से आवज आये सुनो, क्या मे आपकी गाडी मे आ सकती हु सभी गाड़ियां फुल हों चुकी हे, मे कुछ बोलू उसे पहले मेरी बहेन ने आवाज लगायी आजा जानवी तब मुझे पता चला के इसका नाम जानवी हे, मे फिर से थोड़ा सोच ने लगा और तभी मेरी बहेन ने मुझे कहा क्या हुआ चल अब मे ने हा मे सर हिलाते हुए हा कहा और हम सब चल पड़े रास्ते मे जाते टाइम हम ने एक जगा रुके थे नास्ता करने के लिए तभी सब साथ बैठे थे और फिर से मे ने उसे देखा उसने मुझे देखा हम दोनों एक दूसरे को देख रहे थे लेकिन इसबार उसने कुछ नहीं कहा और एक स्माइल के साथ शर्मा कर निचे देखने लगी मुझे कुछ नहीं समझ आ रहा था के कया करें फिर मे ने उसकी तरफ देखना बंध कर दिया और गाड़ी मे बैठ कर सब जाने के लिए निकल पड़े रास्ता थोड़ा लम्बा था तो मे हमेशा की तरह फ़ोन मे म्यूजिक सुने लगा और हलकी सी नींद आर ही थी तो सो गया, कुछ देर बाद जब हम पहुचे तो मेरी बहेन ने मुझे उठाया और बोली चल अब सोता ही रहेगा क्या ऐसा बोलते ही मे जाग गया और उठ कर बैठ गया तभी मेने देखा के वो लड़की वही पे बैठी थी लेकिन मे ने उसपे ध्यान नहीं दिया और गाड़ी के बाहर हम सब निकल गए बाहर निकल ते ही मेरी बहेन ने कहा सामान ले ले तो मे ने हा मे सर हिलाया और सामान लेने लगा तभी मेरी नजर थोड़ी दूर खड़ी एक ब्लैक कलर की गाड़ी पर पड़ी उस गाड़ी के नजदीक एक लड़की खड़ी थी जो कुछ कर रही थी या किसीका इंतजार कर रही थी पता नहीं मे ने पास जाकर देखा तो वही लड़की खड़ी थी उसने मुझे देखा और मे ने उसे देखा लेकिन इसबार मे ने कुछ किये बगैर पीछे मूड चलने लगा तभी थोड़ा सा चलने के बाद एक आवाज आये सुनो..... मे थोड़ा आगे जाने के बाद रुक गया और पूछे मूड कर पूछा यस तो वो बोली मुझे एक हेल्प चाहिए मुझे सामान उतार ने के लिए मदद चाइये क्युकी समान ऊपर बंधा हुआ हे मुजसे नहीं उतर रहा क्या आप मेरी मदद कर सकते हों मे ने थोड़ा सोचा की हेल्प करने मे क्या जाता हे कर देता हु ऐसा सोच कर मे ने बोला जी कर देता हु ऐसा बोल कर मे गाड़ी के ऊपर चढ़कर सामान उतार ने लगा, लगभग 5 मिनट बाद सब कुछ सामना उतार दिया और आगे बढकहर जाने लगा तभी पीछे से फिर से आवाज आयी के सुनो.... मे ने मूड कर देखा तो इस बार वो मुस्कारते हुए बोली धन्यवाद मे ने हा मे सर हिलाते हुए वहां से आगे चल पड़ा ? क्या होगा आगे जाने के लिए बने रहे